तो कोई है कोई और बात है #होठ है सिले हुए न कोई है गुफ्तगू तू जो दूर है नहीं कोई जुस्तजू आपकी कोई बेटी है या नहीं ? संस्कार अहंकार धनवान प्रकृति का रूप संवरता है सूक्ष्म जीव कोविड विविध व्याधियां चिंता है देती दौलत धूप-छांव सी कोई है खरीदार में जज़्बात बेकता हूँ

Hindi निर्धन है कोई Poems